इस कविता में मैंने एक मानवीकरण उपकरण द्वारा उन सब से सवाल करने की कोशिश की है , जिसके लिए इंसान हर ... इस कविता में मैंने एक मानवीकरण उपकरण द्वारा उन सब से सवाल करने की कोशिश की है ,...
अपनी छत से दूर होकर भी दूसरों को छत देते हैं ये मजदूर। अपनी छत से दूर होकर भी दूसरों को छत देते हैं ये मजदूर।
धर्म अनेक, ईश्वर भी अनेक फिर कैसे बने वे भाई-भाई? धर्म अनेक, ईश्वर भी अनेक फिर कैसे बने वे भाई-भाई?
तुझसे ही बंध कर ये दिल जाना कि मोहब्बत हमें आजाद परिंदा कर देती है। तुझसे ही बंध कर ये दिल जाना कि मोहब्बत हमें आजाद परिंदा कर देती है।
मैं तो सब को प्यार करूँगा मैं तो सब को प्यार करूँगा
वादा करता हूं मेरी जाना तेरा हर पल साथ निभाऊंगा मेरी सारी खुशियां हो तेरी तेरे गमों वादा करता हूं मेरी जाना तेरा हर पल साथ निभाऊंगा मेरी सारी खुशियां हो तेरी ...